एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित: "वैश्विक परिदृष्य में शारीरिक शिक्षा, योग और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की चुनौतियाँ और विकास" पर हुई परिचर्चाएक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित: "वैश्विक परिदृष्य में शारीरिक शिक्षा, योग और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की चुनौतियाँ और विकास" पर हुई परिचर्चा
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सिवनी मालवा के शासकीय कुसुम स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग वित्त पोषित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार “वैश्विक परिदृष्य में शारीरिक शिक्षा, योग और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की चुनौतियाँ और विकास” विषय पर आयोजित किया गया। महाविद्यालय के खेल अधिकारी डॉ अनुराग पथक ने बताया के महाविद्यालय में लगातार तीन साल से तीसरी बार शारीरिक शिक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया जा रहा है। इस बहुमूल्य वेबीनार में 70 से ज्यादा रिसर्च पेपर्स और 525 शोधार्थी ज्यादा प्रतिभागी जुड़े है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश कुमार रघुवंशी ने अतिथियों का स्वागत किया तथा शारीरिक शिक्षा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

महाविद्यालय के आईयूपीएसी प्रभारी डॉ ए के यादव ने कहा कि खेल तथा योग को नई शिक्षा नीति में एक विषय के रूप में शामिल किया गया है। अब यह केवल मनोरंजन या स्वस्थ रखने का साधन नहीं है बल्कि रोजगार का साधन बन गया है। कार्यक्रम में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित ओलंपियन तथा एशियन गेम्स में एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विजय सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सबसे पहली आवश्यकता है युवाओं को स्वास्थ्य और नैतिकता की शिक्षा प्रदान करना और यह केवल खेल के माध्यम से ही संभव है।

वेबीनार के मुख्य वक्ता के रूप में आगा खान एकेडमी केन्या से उपस्थित स्पोर्ट्स डायरेक्टर एंथोनी एनिगिडी ने खेल तथा स्कूल के विकास में सामाजिक जुड़ाव के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। ब्रुक्स अंतरराष्ट्रीय स्कूल मास्को रूस से कार्यक्रम में जुड़े डॉक्टर हनी भाटिया ने कहा कि हमें सभी के लिए फिजिकल लिटरेसी अनिवार्य करना चाहिए। नागालैंड यूनिवर्सिटी के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर हरीश तिवारी ने शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के विभिन्न अवसरों तथा चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किए। अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में 82 से अधिक शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए तथा भारत सहित विभिन्न देशों से 500 से अधिक शोधार्थी तथा प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनुराग पथक ने किया तथा आभार डॉ योगेश खंडेलवाल ने व्यक्त किया।