कायाकल्प का अवार्ड वाला सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र: जहां कूड़े के ढेर में फेंकी गईं कोरोना काल में बुलाई गई लाखों की एक्सपायर दवाएंकायाकल्प का अवार्ड वाला सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र: जहां कूड़े के ढेर में फेंकी गईं कोरोना काल में बुलाई गई लाखों की एक्सपायर दवाएं
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सिवनी मालवा के भीमराव अंबेडकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को वैसे तो कायाकल्प का अवार्ड मिला है। परन्तु अस्पताल में हमेशा दवाओं की कमी बनी रहती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से लाखों की दवाएं एक्सपायर हो गईं और अस्पताल के पीछे कचरे के ढेर में फेंक दी गईं। ये दवाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे बने पोस्ट मार्टम भवन के पीछे पड़ी हुई दिखाई दी। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सीबीएमओ जय सिंह कुशवाहा का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है। हालांकि वह कह रहे हैं कि इसकी जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।

कचरे की तरह डंप की गई एक्सपायर दवाओं में कई दवाएं कीमती और जीवन रक्षक हैं। दवाएं साल 2022 और 2023 के अलग-अलग महीने में एक्सपायर हुई हैं। इनमें कुछ टेस्टिंग किट, एंटीबायोटिक सहित पीपीई किट सहित सैंकड़ों की संख्या में सेनेटाईजर को बोतलें भी हैं जिनका उपयोग कोविड काल में हो सकता था। परन्तु अस्पताल प्रबन्धन की लापरवाही के चलते सभी एक्सपायर हो गई।

हालाँकि सीबीएमओ जयसिंह कुशवाहा से इस संबंध में सवाल पूछने के तुरंत बाद ही वहां से दवाओं का ढेर हटाया जाने लगा और वापस कुछ अस्पताल में तो कुछ अस्पताल के बाहर जमकर रख दिया गया। सीबीएमओ ने बताया कि दवाएं उपयोग में नहीं आने पर एक्सपायर होती ही हैं। उन्हें एक्सपायरी दवाएं इस तरह फेंके जाने की जानकारी नहीं थी। इसकी जांच करेंगे। दोषी कर्मी पर कार्रवाई होगी।

आपको बता दें की एक्सपायर होने वाली दवाओं के डिस्पोजल का एक सिस्टम होता है इन्हें इस तरह फेंका नहीं जा सकता। कुल मिलाकर दवाओं के एक्सपायर होने से लेकर इनके इस तरह कूड़े के ढेर में फेंके जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग सवालो के घेरे में है। गहराई से जांच हो तो इस में लापरवाही और अनियमितता की कई परतें उजागर होंगी।