नगर पालिका सिवनी मालवा में लगा आपातकाल? सीएमओ ने दर्ज कराई पत्रकार पर FIRनगर पालिका सिवनी मालवा में लगा आपातकाल? सीएमओ ने दर्ज कराई पत्रकार पर FIR
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सीएम साहब, क्या शासकीय कार्यालय में पत्रकारो का जानकारी लेने जाना प्रतिबंधित है? जो आपके अधिकारी जानकारी मांगने पर शासकीय कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करवा रहे है?

आपातकाल को लेकर भाजपा जहां एक ओर मुखर रहती है तो वहीं 2024 में भाजपा शासित सिवनी मालवा नगर पालिका में सीएमओ शीतल भलावी ने शायद आपात काल लगा दिया है। जहां मध्यप्रदेश सरकार के नियम की बजाए खुद के बनाए नियम चलते है। मैडम ना तो जनसंपर्क विभाग के नियम मानती है ना ही शासन के बनाए अन्य नियम। ऐसा ही एक मामला हुआ है, जब देर रात नगर पालिका कार्यालय खुले होने पर जानकारी लेने पहुंचे पत्रकार को देखकर सीएमओ उखड़ गई, पत्रकार के मोबाइल छीनकर उसमें रिकार्ड फोटो वीडियों को डिलीट करवा दिया गया। आरोप तो यहां तक है कि मैडम में कर्मचारियों के बोलकर पत्रकार की पिटाई करवाते हुए नगर पालिका में आने पर जान से मारने की धमकी भी दे डाली। अब यह हो सकता है सिवनी मालवा नगर पालिका या तो मध्यप्रदेश सरकार के अंतर्गत नहीं आती या फिर नगर पालिाकाओं में आपातकाल लगाने की शुरूआत सिवनी मालवा से की जा चुकी है।
गौरतलब है कि सीएमओ शीतल भलाावी की कार्यशैली को लेकर कई प्रकार के सवाल पहले भी उठे है। पूर्व में पदस्थ नगर पालिकाओं में लाखों के भ्रष्टाचार के बाद इनको वहां से निलंबित किया गया था। तो वहीं जब पत्रकार को जानकारी देने के बजाए विवाद खड़ा करना और जान से मरने की धमकी के बावजूद मामला दर्ज करवाने पहुंची सीएमओ से पत्रकारों ने इस मामले की जानकारी चाही तो मैडम किसी भी प्रकार की जानकारी देते से बचती रही। अब सवाल यह है कि अगर आप सही थे तो बाकी के पत्रकारों को उक्त समय हुई घटना के बारे में जानकारी देने में आपको क्या समस्या था, एक तरफ तो देर रात तक शासन के कामों के नाम पर कार्यालय खोलना तो वहीं दूसरी तरफ अपनी अफसरशाही दिखाने के लिए दिन रात कर्मचारियों को भीड़ बनाते हुए घंटो थाने में खड़े रखना कहां से उचित है। कई कर्मचारियों का कहना है कि अगर हम मैडम की बात नहीं मानते तो वह हमें प्रताड़ित करने लगती, क्योंकि पूर्व में भी इस तरह के कई मामले हो चुके है।

दो कार्यालय लेकिन अधिकारियों का रवैया अलग अलग
मामला एक, राजस्व विभाग: महोदय जी आपको जानकारी के लिए बता दे कि कुछ वर्षो पहले में जब राजस्व विभाग में भी राजस्व महाअभियान के तहत छुट्टी के दिन में काम किया जा रहा था, तब भी पत्रकार वहां पहुंचे थे तब तत्कालीन तहसीलदार राकेश खजुरिया ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया था कि राजस्व महाअभियान के अंतर्गत छुट्टी के दिन कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद पत्रकारों ने तहसीलदार की अनुमति से फोटो खींचकर शासन के पक्ष में राजस्व विभाग की सकारात्मक खबरें प्रकाशित हुई थी।

मामला दो, नगर पालिका: अगर सीएमओ शीतल भलावी सही और शासन के नियमानुसार कार्य कर रही थी तो वह भी पत्रकार से शालीतना पूर्वक बात करते हुए पूरी जानकारी दे सकती थी, जिससे जनता के लिए किए जा रहे कार्य का सकारात्मक प्रकाशन हो सकता था। संभवत: नगर पालिका में रात्रि के समय कुछ ऐसे कार्य हो रहे हो जिसके सामने आने से इन्हे दिक्कतों का सामना करना पड़ता, संभवतः इसीलिए सीएमओ के द्वारा पत्रकार के साथ अभद्रता की गई और जान से मारने की धमकी दी गई।

एसडीएम व एसडीओपी को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
पत्रकारों ने एसडीओपी व एसडीएम को ज्ञापन सौंप बताया कि विधानसभा सिवनी मालवा अंतर्गत नगरपालिका में सीएमओ शीतल पिता रामनारायण भलावी द्वारा नगर पालिका कार्यालय में जानकारी लेने गए दैनिक अनोखा तीर के पत्रकार व शिखर पत्रकार संघ के जिला संयोजक केके यदुवंशी के साथ झूमा झटकी और जान से मारने की धमकी दी गई। साथ ही नगर पालिका कर्मचारियों के साथ मिलकर पुलिस थाना पहुंचकर पत्रकार केके यदुवंशी के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित अन्य मामले दर्ज करा दिए गए। महोदय जी पत्रकार केके यदुवंशी को 25 दिसंबर 2024 दिन बुधवार को रात्रि लगभग 11 बजे जानकारी मिली थी कि नगर पालिका कार्यालय में हलचल है, जिसकी जानकारी पत्रकार द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष रितेश रिंकू जैन को उसी समय इस विषय में जानकारी चाही तो उन्होने कहा मुझे कोई जानकारी नहीं है कि नगर पालिका में क्या चल रहा है, आप स्वयं कार्यालय में जाकर देखों कि इतनी रात में कार्यालय क्यों खुला हुआ है। जिसके बाद पत्रकार केके यदुवंशी नगर पालिका में इसकी जानकारी लेने के लिए पहुंचे। महोदय जी अगर पत्रकार द्वारा कथित तौर पर पत्रकार केके यदुवंशी ने नगर पालिका कार्यालय में पहुंचकर कोई अभद्रता या अन्य कार्य किया जा रहा था तो उसी समय सीएमओ द्वारा इसकी सूचना पुलिस को क्यों नहीं दी गई। जिससे प्रतीत होता है कि उस समय पत्रकार द्वारा ऐसी किसी घटना को अंजाम नहीं दिया गया, जिससे शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो। बाद में सीएमओ अपने

नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ पुलिस थाने पहुंच कर कुछ चुनिंदा वीडियों बताकर इसे शासकीय कार्य में बाधा का मामला बताया गया। साथ ही सीएमओ शीतल भलावी द्वारा पत्रकार केके यदुंवशी का मोबाइल में रिकार्ड वीडियो और फोटो अपने कर्मचारियों से बोलकर डिलीट करवा दिए गए। महोदय जी सीएमओ को ऐसा क्या डर था कि वीडियो फोटो में ऐसा क्या था कि उनके कथित कार्यो की पोल खुल जाती। महोदय जी पत्रकार संघ सिवनी मालवा मांग करता है कि सीएमओ शीतल भलावी की कार्यशैली लगातार विवादित रही है, पूर्व में भी उनके ही नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए शिकायत की जा चुकी है। साथ ही पूर्व में जिन नगर पालिका में शीतल भलावी पदस्थ रही है, उनमें से कुछ नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोप के चलते उन्हें निलंबित किया गया था, जिनमें से कुछ मामले की जांच अभी भी संभवतः प्रचलन में है। उक्त मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा और इस के झूठे मामले ना बने इसके लिए भी कोई उचित कदम उठाए जाए।