सिवनी मालवा में निजी स्कूलों की जांच के लिए जिला प्रशासन के द्वारा टीम गठित की गई थी। टीम ने शनिवार को सिवनी मालवा के जीवा ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल तथा ज्ञानरत्न स्कूल की जांच करने पहुंची जहाँ पहले अधिकारीयों ने स्कूल प्रबन्धन से चर्चा की साथ ही फीस तथा स्कूल में चलाई जाने वाली पुस्तकों की जानकारी ली। साथ ही तहसीलदार राकेश खजूरिया, बीईओ श्याम सिंह रघुवंशी, बीआरसीसी संगीता यादव तथा सीएम राइज स्कूल प्राचार्य ने स्कूलों के छात्र छात्राओं से चर्चा की तथा उनसे जानकारी ली की उन्होंने पुस्तकें, गणवेश कहाँ से ली है। हालाँकि सभी बच्चों ने एक ही सुर में कहा की उन्होंने पुस्तकें अपने सीनियर छात्रों से ली है।
तहसीलदार राकेश खजूरिया ने बताया की विगत दिवस जानकारी मिली थी की स्कूल संचालक मनमाने तरीके से किताबें, यूनिफॉर्म इत्यादि को नियत दुकानों से खरीदने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाते है। कमीशन के चक्कर में हर साल सिलेबस में से कई किताबें बदल देते है। जिससे अभिभावकों तो अतिरिक्त एवं अनावश्यक आर्थिक बोझ सहन करना पड़ता है। जिसकी सभी निजी स्कूलों में जाकर जांच की जा रही है तथा छात्र छात्राओं के परिजनों से भी चर्चा की जा रही है। यदि किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को भेजी जायेगी।
आपको बता दें की विगत दिवस मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसके संदर्भ में आदेश भी जारी किए थे। लेकिन तब तक अधिकांश अभिभावक इस आर्थिक बोझ का शिकार बन चुके थे। जबकि सिवनी मालवा के अधिकांश स्कूलों की किताबें कुछ नियत दुकानों पर ही मिलती है। परन्तु टीम ने जिन जिन स्कूलों की जांच की है सभी ने टीम को बताया है की उनके स्कूल की किताबें सभी जगह उपलब्ध है।