शिक्षा के मंदिरों में तिरंगे का अपमान: राष्ट्रीय ध्वज को डंडे सहित उतार कर घसीटते हुए ले जाया गया
सिवनी मालवा तहसील के ग्राम बाबरी के शासकीय नवीन हाई स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर सुबह ध्वजारोहण किया गया, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के जश्न में स्कूल स्टाफ इतना व्यस्त हो गया की शाम को राष्ट्रीय ध्वज को उतारने के लिए स्कूल के चपरासी को बोल दिया गया। फोटो में आप देख सकते है की चपरासी किस तरह से राष्ट्रीय ध्वज को उतार रहा है। राष्ट्रीय ध्वज को उसके डंडे सहित उतार पहले जमीन पर रखता है उसके बाद डंडे सहित राष्ट्रीय ध्वज को घसीटते हुए स्कूल के अन्दर ले जाता है।
जिससे साफ़ प्रतीत हो रहा है की भारतीय झंडा संहिता की धज्जियां उड़ाई गईं हैं। यह हाल है बाबरी के शासकीय नवीन हाई स्कूल का जहाँ तिरंगे झंडे का अपमान किया गया है। शिक्षा के मंदिरों में तिरंगे झंडे के खुलेआम हो रहे इस अपमान को लेकर अधिकारी भी सजग नहीं हैं। हालाँकि सिवनी मालवा एसडीएम सरोज परिहार ने स्वतंत्रता दिवस से पूर्व हुई बैठक में स्पष्ठ निर्देश दिए थे की झंडे फहराने उतारने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अब देखना ये होगा की प्रशासन इस पूरे मामले में कोई कार्रवाई करता है या नहीं।
राष्ट्रीय ध्वज न सिर्फ देश की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है। यही वजह है जो राष्ट्रीय ध्वज के बारे में शिक्षा के शुरूआती दिनों से ही बताना शुरू कर दिया जाता है। ध्वज के राष्ट्रीय महत्व के बारे में जानकारियां दी जाती हैं। ताकि, हम अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान कर सकें। किन्तु, इन दिनों शिक्षा के मंदिरों में ही राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है। जो न सिर्फ झंडे का अपमान है बल्कि राष्ट्रीय ध्वज को लेकर शिक्षकों के ज्ञान पर भी सवालिया निशान खड़े करता है। शिक्षा विभाग के अफसरों का भी इसको लेकर कोई ध्यान नहीं है।
