कांग्रेस से पलायन के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है, लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस को एक और झटका लगा है। इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने 29 अप्रैल की सुबह कलेक्टर कार्यालय जाकर नामांकन वापस ले लिया। यानी, अब बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी शंकर लालवानी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी ने मैदान छोड़ दिया है। अक्षय कांति बम बीजेपी नेता रमेश मेंदोला के साथ नामांकन वापस लेने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि बम अपने ही नेताओं की अवहेलना से नाराज थे। जब उन्होंने नामांकन दाखिल किया था, उस वक्त कोई बड़ा कांग्रेसी नेता उनके साथ नहीं था। इन्हीं सब बातों के चलते बम पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। कई मौकों पर उन्होंने यह खुद भी स्वीकार किया था कि कांग्रेस ने उन्हें बलि का बकरा बनाया है।
आपको बता दें की नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम बीजेपी में शामिल हो गए। नामांकन वापस लेने से पहले बम कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ नजर आए। इस तस्वीर को विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री डॉ। मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। बताया जा रहा है कि इस राजनीतिक घटनाक्रम में कैलाश विजयवर्गीय की बड़ी भूमिका रही है।
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि अक्षय कांति बम का पार्टी में स्वागत है। लोग कांग्रेस की कार्यशैली से नाराज हैं। जो भी पार्टी में आएगा उसका स्वागत है। इंदौर के महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित हैं। बीजेपी इंदौर में पहले ही चुनाव जीत रही थी। एक कार्यक्रम में बम से मेरी मुलाकात हुई थी। तब मैंने उनसे पूछा था कि कि आप देश के साथ और राम के साथ हैं कि नहीं, तो उन्होंने कहा था कि मैं राम और देश के साथ हूं।