सिवनी मालवा तहसील क्षेत्र में इन दिनों किसानों को खाद के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को कृषि उपज मंडी में खाद वितरण केंद्र पर सुबह से ही किसानों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। किसान बारिश के बीच दूर दूर से आकर खाद के लिए लाइन में लगे है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उनकी समस्या सुनने के बजाय कार्यालय अन्दर से बंद कर कचोरी-समोसे खाते नजर आए।
किसानों ने बताया कि उन्हें सुबह 6 बजे से लाइन में खड़ा होना पड़ता है, लेकिन कभी कंप्यूटर सिस्टम खराब, कभी स्टॉक नहीं होने का बहाना बनाकर उन्हें टाल दिया जाता है। ग्राम भडंग चिकली के किसान विनोद सेवरिया ने बताया की खाद के लिए मै पिछले 1 हफ्ते से आ रहा हूँ बोलते है कल आना कभी बोलते है बाद में टोकन मिलेगा परन्तु ना आधार कार्ड लेते है ना बही लेते है और बोलते है की अब नहीं मिलेगा जाओ।
किसान रामकुमार पटेल ने कहा, “हम लोग खेत में काम छोड़कर खाद के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को हमारी चिंता नहीं, उल्टा मजे से नाश्ता कर रहे हैं।” किसान सुनील चौधरी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा, “हर बार यही हाल रहता है। पहले घंटों इंतजार करो, फिर पता चलता है खाद खत्म हो गई या सिस्टम बंद है। आखिर हम जाएं तो जाएं कहां?” मौके पर मौजूद अन्य किसानों ने बताया कि खाद वितरण में भारी लापरवाही हो रही है। कई बार खाद माफियाओं के जरिए ब्लैक में बेची जाती है, जिससे गरीब किसान खाली हाथ लौट जाते हैं। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि खाद वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी की जाए और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
क्या बोले जिम्मेदार?
जब इस संबंध में जब डीएमओ गोदाम प्रभारी संजीत बर्मन से जानकारी चाही गई तो वो कार्यालय का दरवाजा खोलने को तैयार नहीं हुए तथा कार्यालय में ही कचोरी खाते रहे। उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया।
वही एसडीएम सरोज सिंह परिहार ने बताया की सुबह आज खाद के लिए अधिक भीड़ थी जिसके चलते आज 450 लोगों को खाद के टोकन बाँट दिए गए है। गुरूवार तक यूरिया खाद आना प्रस्तावित है उसके बाद अन्य किसानो को टोकन दिए जायेंगे। वही अधिकारीयों के नाश्ता करने पर उन्होंने कहा की ये गलत है उनको जानकारी देना चाहिए।