अनिश्चितकालीन हड़ताल पर पटवारी: पटवारियों ने बस्ता सौंप की पिपरिया एसडीएम पर कार्रवाई की मांगअनिश्चितकालीन हड़ताल पर पटवारी: पटवारियों ने बस्ता सौंप की पिपरिया एसडीएम पर कार्रवाई की मांग
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सिवनी मालवा तहसील कार्यालय में सोमवार दोपहर पटवारियों ने अपने बस्ते सौंप हड़ताल पर चले गए। प्रांतीय पटवारी संघ तहसील शाखा सिवनी मालवा अध्यक्ष अरविंद रघुवंशी ने बताया की पिपरिया के एसडीएम की पटवारी प्रवीण मेहरा पर दूषित मानसिकता के चलते और प्रताड़ना से उन्हें हार्ट अटैक आया जिससे उनकी मौत हो गई। इसको लेकर जिले भर के पटवारियों ने हड़ताल करने का फैसला लिया है। और आज बस्ता सौंप हड़ताल पर चले गए। पटवारीयों का कहना है कि जब तक एसडीएम पर कार्रवाई नहीं हो जाती वे कलम बंद अनिश्चितकाल हड़ताल करेंगे।

विगत दिवस पटवारियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंच कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। पटवारी संघ पदाधिकारियों ने बताया कि एक फौती के तहसीलदार न्यायालय के किए गये आदेश में अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश करने वाले, न्यायालय में बयान लेने वाले आवेदन से लेकर आदेश तक की प्रक्रिया में संलग्न तहसीलदार, नायब तहसीलदार स्वयं एसडीएम को छोड़ते हुए मात्र दुर्भावना के चलते पटवारी पर एफआईआर करा दी जबकि किसी भी मामले में पटवारी केवल वस्तुस्थिति का स्थानीय पूछताछ के आधार पर प्रतिवेदक होता है न कि निर्णायक और न ही जांचकर्ता अगर स्थानीय लोगों ने गलत जानकारी दी है तो पटवारी के पास ऐसा कोई संयंत्र या पैमाना नहीं कि वो झूठ पकड़ सके। पटवारी कैसे दोषी हो सकता।

ये है पटवारियों की मांग
1. पिपरिया में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी संतोष तिवारी को तत्काल अपने दायित्वों से मुक्त किया जावे तथा उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जावे।

2. जिस मामले में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पटवारी को प्रकरण में मात्र प्रतिवेदन देने के आधार पर दोषी मानकर अपराधी घोषित कर दिया गया एवं ऍफ़आईआर कराकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया तथा जिससे आज उस पटवारी साथी की मृत्यु हो गई। उसी प्रकरण में पीठासीन अधिकारी नायब तहसीलदार तहसीलदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि, प्रकरण में प्रतिवेदन की जांच और निर्णय का अधिकार पीठासीन अधिकारी का होता है। यह संतोष तिवारी का दोहरा चरित्र बतलाता है। अतः सभी दोषी अधिकारी जिन्होंने दुर्भावनावश हमारे साथी को मौत की देहरी पर पहुंचाया है, उन सभी को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानकर FIR की जावे।
3. वर्तमान में नर्मदापुरम जिले में सभी न्यायालयों के द्वारा पारित किए जाने वाले आदेशों में मात्र पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर निर्णय का उल्लेख करते हुए, आदेश पारित किए जा रहे हैं और अंत में यह भी आदेशित किया जा रहा है कि उक्त निर्णय आदेश में किसी भी तरह की त्रुटि या जानकारी का अभाव पाया जाता है तो न्यायालय द्वारा लिए गए उक्त निर्णय के लिए पटवारी दोषी होगा। इस तरह के आदेश न्यायालय की गरिमा एवं कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाते हैं साथ ही न्यायाधीश की योग्यता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। हम चाहते है कि आगामी समय में ऐसे समस्त आदेश बंद किए जाएं, जिससे कि न्यायालय की गरिमा का मान बचा रहे और यदि ऐसे आदेश पारित किए जाते हैं तो फिर पटवारी प्रतिवेदन न लिए जायें।

4. मृतक पटवारी की पत्नी को शीघ्र अति शीघ्र अनुकंपा नियुक्ति दी जावे।

5. ऐसा ज्ञात हुआ है कि पटवारियों के द्वारा किए गए सभी तरह के कार्यों में अनुविभागीय अधिकारी श्री संतोष तिवारी द्वारा जानबूझकर त्रुटि निकालकर, उन्हें सुधारने के एवज में पैसे की मांग की जाती है और न दिए जाने पर FIR कराने की एवं अन्य कार्यवाही करने की धमकी दी जाती है, जिससे अनुविभाग पिपरिया के पटवारी भयभीत एवं असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अतः उक्त अधिकारी को तत्काल हटाने की कार्यवाही की जावे।