मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के इटारसी में 18 जून 2022 को बाप-बेटी के रिश्तों को शर्मसार करने की घटना सामने आई थी। यहां एक बाप ने अपनी ही 13 साल की नाबालिग बेटी से के साथ रेप किया था। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने एक नहीं बल्कि दो बार अपनी बेटी से रेप की वारदात को अंजाम दिया था। दूसरी बार में पीड़िता ने अपनी मां को पिता की करतूत के बारे में बताया था। इसके बाद मां पीड़िता को लेकर थाने पहुंची और अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
पूरे मामले में तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश इटारसी सुशीला वर्मा द्वारा दिनांक 24.04.2024 को आरोपी निवासी इटारसी जिला नर्मदापुरम को स्वयं की अल्पवयस्क पुत्री के साथ दुष्कर्म करने के जघन्य अपराध में दोषी पाते हुये धारा 376(2)(एन), 376(2) (एफ) 376(3) भादवि एवं 5एल, 5एम 5एन पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) एवं पांच-पांच हजार रूपये अर्थदण्ड तथा 506 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि दिनांक 18.06.22 को अल्पवयस्क पीडिता ने अपनी मां के साथ थाना इटारसी पहुंचकर एक लिखित आवेदन दिया जिसमे अनुसार लेख किया गया था कि पीडिता कक्षा 9वी में पढ रही है। उसके सगे पिता ने जो कोई काम धंधा नहीं करते है। उसकी मां रोज सुबह पांच से साढे पांच घूमने जाती थी दिनांक 17.06.22 की सुबह 5 साढे पांच बजे जब वह सो रही थी तब उसे उसके पिता ने जगाया और उसे अंदर कमरे में ले गया। और वहां पर उसका अंतरवस्त्र उतार कर उसके निजी अंग पर हाथ लगाने लगा और उसे धमकी दी कि अगर यह जानकारी उसने मां या किसी को भी बतायी तो वह पीडिता और उसकी मां को काटकर फेक देगा।
उसके बाद उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी। जिससे वह डर गयी और किसी को घटना नहीं बतायी। दूसरे दिन 18.06.22 को सुबह साढे 5 बजे उसके पिता ने पुनः उसे कमरे में ले जाकर उसके साथ मना करने पर भी दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी। पीडिता ने दर्द होने पर कुछ समय बाद उसकी मां को घटना की जानकारी दी। तब उसे उसकी मां थाने पर लेकर आयी। विवेचना के दौरान विवेचना अधिकारी विवेचक सोनाली चोधरी द्वारा घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार किया और अभियोक्त्रिी का मेडिकल कराकर न्यायालय के समक्ष धारा 164 दप्रसं का कथन लेखबद्ध कराया है।
विवेचना उपरांत धारा 376(2)(एन), 376(2)(एफ), 376(3), 506 भादवि एवं 5, 5एल, 5एन,6 में पाक्सो एक्ट के अंतर्गत अभियोग पत्र माननीय विचारण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय में अभियोजन द्वारा पीड़िता को नाबालिग प्रमाणित करने के लिये पीड़िता का जन्म प्रमाण पत्र तथा कक्षा दूसरी की अंकसूची प्रस्तुत की। पीड़िता के साथ उसके पिता द्वारा शारीरिक संबंध को प्रमाणित करने के लिये पीड़िता का परीक्षण कराया तथा वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में एफएसएल भोपाल की डीएनए रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। जिससे पीडिता के साथ उसके पिता द्वारा दुष्कर्म की पुष्टि हुई। न्यायालय द्वारा लेख किया गया कि घटना के समय पीड़िता की आयु मात्र 12 वर्ष 11 माह 8 दिन थी तथा आरोपी पिता ने पीड़िता पुत्री का शारीरिक एवं मानसिक अशक्ततः का लाभ उठाते हुए अभियोक्त्री के साथ बार-बार प्रवेशन लैंगिक हमला करके गुरूत्तर प्रवेशन हमला किया तथा पीड़िता अपने पिता के घर में ही सुरक्षित नहीं रही है।
आरोपी ने अपनी काम वासना की पूर्ति हेतु पीड़िता जो कि उसकी पुत्री है कि शारीरिक मानसिक दशा को अशक्त करते हुए पीड़िता के साथ गुरूत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला कारित किया है। तथा पीड़िता के आंतरिक जननांग में आरोपी के उक्त कृत्य के कारण जो चोट कारित हुई है, वह आरोपी की मानसिक पैशाचिक दशा को दर्शित करती है। ऐसी स्थिति में आरोपी किसी भी प्रकार की सहानुभूति का पात्र नहीं है। आरोपी के उक्त कृत्य से पीड़िता के वर्तमान तथा भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव को भी दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 376(2)(एन), 376(2)(एफ) , 376(3) ,506 भादवि एवं 5एल, 5एम 5एन पाक्सो एक्ट के अंतर्गत दोषी पाते हुये दंडित किया। विचारण के दौरान शासन की ओर से पैरवी अति जिला अभियोजन अधिकारी इटारसी एच.एस. यादव द्वारा की गई।